सभी पाठक गणों को नव विक्रमी संवत्सर 2079, युगाब्द 5124 के प्रथम दिवस का अभिनंदन।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (जो कि सन् 2022 में 2 अप्रैल को पड़ी है) से बार्हस्पत्यमान के अंतर्गत रूद्रविंशति के पचासवें ‘नल’ नामक नए विक्रमी संवत्सर 2079 का शुभारंभ हुआ है। इस संवत्सर के राजा शनि और मंत्री बृहस्पति हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से सभी यज्ञकार्य, धर्मानुष्ठान, मंत्र-दीक्षा एवं किसी तरह के सांकल्पिक कार्य में ‘नल’ नामक संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा। वासंतिक नवरात्र भी इसी दिन से आरंभ हो रहा है जिसका समापन चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी रविवार 10 अप्रैल को होगा। इसी दिन श्री रामनवमी भी है।
‘नल’ नामक नए संवत्सर में राजा का अधिकार शनि के पास है। इसके साथ ही नीरशेष अर्थात ऐसी वस्तुएं जिनमें पानी नहीं होता ठोस होती हैं, ऐसी सभी धातुओं का स्वामित्व भी शनि के पास ही है। ग्रीष्मकालीन फसलों का स्वामित्व भी शनिदेव के पास ही है। संपूर्ण वर्षपर्यंत कोषाध्यक का स्वामित्व भी शनिदेव के पास है। जिन-जिन वस्तुओं का अधिकार शनि के पास है उनमें महंगाई अधिक होगी। प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए सरकारें कई तरह के कठोर निर्णय ले सकती हैं।
नए संवत्सर में मंत्री का अधिकार गुरु अर्थात् बृहस्पति के पास है जिसके फलस्वरूप शीर्ष नेतृत्व और उनके सचिवों के बीच सामंजस्य बढ़ेगा और सरकारों को अपनी बातें जनता तक पहुंचाने और योजनाओं को लागू करने में सहजता होगी। देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा। फसलों की पैदावार भी अच्छी रहेगी।
संवत्सर में सेनापति और वर्षा के स्वामी का अधिकार बुध के पास है। सेनापति बुध होने के फलस्वरूप आने वाले समय में सरकारें अराजकता और आतंकवाद का दमन करने में सफल होती दिखाई देंगी। जनता कठोर निर्णय-प्रशासन के चलते अराजकता से बचेगी और सुख शांति से जीवन यापन करेगी। मेघों के स्वामी अथवा वर्षा का अधिकार भी बुध के पास होने के फलस्वरूप पर्याप्त वर्षा होगी। फसलों की पैदावार में वृद्धि होगी। धर्म-कर्म यज्ञ अनुष्ठान भी अधिक होंगे।
संवत्सर में फलों का आधिपत्य मंगल के पास रहेगा जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष वृक्षारोपण अधिक होगा। फूल, फल तथा औषधियों की पैदावार अपेक्षाकृत कम रहेगी।
इस संवत्सर 2079 में शीतकालीन फसलों अर्थात् रबी की फसलों जैसे गन्ना, मक्का, चना, गेहूं, जौ, मसाले, सब्जी, हरी सब्जी का अधिकार शुक्र के पास रहेगा जिसके फलस्वरूप इनकी पैदावार बढ़ेगी।
वर्तमान ‘नल’ नामक संवत्सर में रसाधिपति चंद्रमा होने के फलस्वरूप युवा वर्ग विशेष करके छात्राएं अपने संकल्प को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में सक्षम रहेंगी। नए संवत्सर में रसों का अधिकार चंद्रमा के पास होना युवाओं और युवतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सौंदर्य प्रसाधनों उत्पादन और उपभोग में वृद्धि होगी।